आपको बड़े बड़े बदलाव।
फोन फॉर्मेट में बदल दिया गया है। इस दौरान छात्रों के लिए मजबूत नींव तैयार की जाएगी। इसका करिकुलम एनसीईआरटी द्वारा तैयार किया जाएगा और इसमें प्री प्राइमरी के 3 वर्ष और पहली और दूसरी कक्षा का एक बार शामिल होगा। यानी प्री प्राइमरी के 3 साल और फिर पहली और दूसरी कक्षा के 2 साल इसके तहत बच्चों को खेल, कूद और अलग-अलग कक्षाओं के छात्रों के लिए किताबों का बोझ पहले जितना नहीं होगा इसलिए हम कहेंगे कि जो छोटे बच्चे स्कूलों में जाएंगे और अपने शिक्षा की यात्रा को आरंभ करेंगे। बहुत किस्मत वाले होंगे। अगले 3 साल यानी तीसरी कक्षा से पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई के दौरान छात्रों को भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा। इसके तहत छात्रों का विज्ञान, गणित, कला, सामाजिक विज्ञान और यू मराठी जैसे देशों से करवाया जाएगा। इसके अगले 3 साल मिडिल स्टेज माने जाएंगे और इसमें कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8।
छात्र शामिल होंगे। इस पेज में छात्रों को तय पाठ्यक्रम के मुताबिक पढ़ाया जाएगा और इसके बाद 9वीं से 12वीं कक्षा तक इस फॉरमैट की 4 वर्षों वाली आखिरी 4 साल के छात्रों में किसी विषय के प्रति गहरी समझ पैदा की जाएगी। उनकी विश्लेषण क्षमता को बढ़ाया जाएगा और उन्हें जीवन में बड़े लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बाकी है कि अब स्कूलों में पहले जैसा क्रीम सिस्टम नहीं होगा। इसका मतलब यह है 8:00 का कोई छात्र फिजिक्स की पढ़ाई करना चाहता है तो अब ऐसा कर पाएगा और अगर अकाउंट का कोई छात्र कॉमर्स का कोई छात्र की पढ़ाई करना चाहता है। वह भी ऐसा कर सकता है। किसके लिए तैयार किया जाएगा और आप को स्कूल से ही अपनी पसंद के विषयो का चुनाव करना होगा। अगर विज्ञान के छात्र को इतिहास में दिलचस्पी। और उसके पूल में यह दोनों विषय शामिल हैं, तब ही छात्र इनकी पढ़ाई एक साथ कर सकता है। हालांकि अभी इस पर पूरा स्पष्टीकरण आना बाकी है, लेकिन पहले की जो व्यवस्था होती थी, हमारे यहां मानी जाती थी या तो आप साइंस लेते थे या कॉमर्स लेते थे या हानि हो, मेरा टैब लेते थे और अगर आप नहीं कर सकते, इसलिए नहीं पढ़ सकते हैं और पढ़ाई नहीं कर सकते।
पांचवी कक्षा की पढ़ाई।
अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। अंग्रेजी में पढ़ाई की अनिवार्यता बनी रहेगी।
उड़ान के लिए अगर आप पांचवी कक्षा तक अपने बच्चे को मराठी संस्कृत या गुजराती भाषा में पढ़ाना चाहते हैं। अब आप ऐसा कर पाएंगे और अंग्रेजी करण का दौर में छात्रों को इंटर्नशिप का भी मौका मिलेगा कि किसी विषय में रुचि है और वह उसकी प्रैक्टिकल नॉलेज हासिल करना चाहता है तो वह इस विषय से जुड़ी इंटर्नशिप कहीं भी कर सकता है। उदाहरण के लिए अगर आपका बच्चा पेंटिंग करने का शौक है तो वह किसी पेंटर के पास अब इंटर्नशिप के लिए जा सकता है। अगर आपके बच्चे को सॉफ्टवेयर में इंटरेस्ट है तो किसी सॉफ्टवेयर कंपनी में अब अपने स्कूल के दौरान इंटर्नशिप कर सकता है। नौवीं कक्षा बारहवीं का।
सर के आधार पर 1 साल में 2 सदस्य होंगे और हर 6 महीने पर एक परीक्षा होगी और दोनों सेमेस्टर के अंकों को जोड़कर आपकी फाइनल मार्कशीट तैयार की जाएगी तो पूरे साल पढ़ाई करनी होगी और आप यह कह कर बच नहीं सकेंगे कि आप सिर्फ फाइनल एग्जाम की तैयारी करना चाहते हैं। पहले आपने देखा होगा। सारे छात्र ऐसे होते हैं जो साल के आखिर में कुछ समय तक पढ़ते हैं। एक-दो महीने पढ़ाई कर लेते हैं और फिर उसके आधार पर वह फाइनल की परीक्षा होती है। उसमें बैठते हैं और मैं से बहुत सारे लोग अच्छे भी आते हैं। लेकिन यह लोग होते हैं जिन्होंने पूरे साल पढ़ाई नहीं की। आपको पूरे साल पढ़ाई करनी पड़ेगी। बोर्ड की परीक्षाओं को आसान बनाया जाएगा पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। रखने की क्षमता नहीं समझने की क्षमता पर ध्यान दिया जाएगा। कोचिंग क्लास के जरिए की आदत को समाप्त कर दिया जाएगा। छात्रों को अब उनकी पसंद की भाषा में परीक्षा लिखने की पूरी छूट होगी। उदाहरण के लिए अगर आप चाहें तो हिंदी अंग्रेजी में से किसी एक भाषा में अपनी परीक्षा दे सकते हैं। छात्रों के रिपोर्ट कार्ड को पहले की तरह तैयार नहीं किया जाएगा। किसी छात्र को फाइनल मार्क्स देते समय उसके व्यवहार एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में उसके प्रदर्शन और उसकी मानसिक क्षमताओं का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा रिपोर्ट कार्ड को 360 डिग्री असेसमेंट के आधार पर तैयार किया जाएगा जिसमें छात्र खुद को भी अंक देंगे। यानी अपना खुद का भी विश्लेषण करेंगे। विषय पढ़ाने छात्र को देंगे और छात्रों के सहपाठी भी उनका आकलन करेंगे। कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए भी नई शिक्षा नीति में बहुत सारे बदलाव किए गए हैं। इसलिए जो छात्र कॉलेज में इसके बाद जाने वाले हैं वह भी ध्यान से देख ले। अब देश के छात्र कॉलेज में एडमिशन के लिए कॉमन एप्टिट्यूड टेस्ट। कर दी है कि अगर 12 वीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम्स में आपके ठीक नंबर नहीं आए हैं। यह आपके मार्क्स कितने नहीं आए हैं कि आपको कट ऑफ परसेंटेज के आधार पर एडमिशन ऑफ कॉमन एप्टिट्यूड टेस्ट भी दे सकते हैं और फिर इस टेस्ट में आप के प्रदर्शन को आप के 12वीं कक्षा के नंबरों के साथ जोड़ दिया जाएगा और उस आधार पर आपको आपके मनपसंद कॉलेज में एडमिशन मिल पाएगा। ग्रेजुएशन की पढ़ाई को तीन और चार वर्षो के कोर्स ड्यूरेशन में अवार्ड दिया जाएगा। अगर आप कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते थे तो आपको ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं मिलती थी या तो आप पूरी पढ़ाई कीजिए और या बिलकुल मत कीजिए, लेकिन नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद अगर आप 1 साल के बाद कॉलेज छोड़ देते हैं तो आपको सर्टिफिकेट दिया जाएगा। यह आपका सर्टिफिकेट कोर्स मारा जाएगा। अगर आपने कॉलेज का फर्स्ट ईयर कंप्लीट कर लिया और उसके बाद पढ़ाई।
छोड़ दी तो आपको सर्टिफिकेट कोर्स का सर्टिफिकेट मिलेगा। इसी तरह अगर आप सेकंड ईयर पास करने के बाद 2 साल के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं तो आपको डिप्लोमा दिया जाएगा। यानी 3 साल की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं तो आपको बैचलर डिग्री दी जाएगी और अगर आप 4 साल का कोर्स करके बैचलर्स डिग्री लेना चाहते हैं तो आपको रिसर्च के सर्टिफिकेट के साथ ही डिग्री में छात्रों को बहुत फायदा होगा जो कॉलेज के दौरान किसी प्रोजेक्ट पर काम करते हुए 4 वर्ष के इस कोर्स में स्कूल के छात्रों की तरह कॉलेज के छात्रों के साथ कर पाएंगे। इसको मल्टी एंट्री और मल्टी एग्जिट वाली व्यवस्था कहा जाता है। यानी छात्र जब इस विषय की पढ़ाई करना चाहेंगे तो ऐसा कर सकेंगे। यह काम भी आसानी से कर सकेंगे और multi-act आ गया है। आप जब चाहे ले सकते हैं। एग्जिट भी कर सकते हैं जब चाहे इसके अलावा एक एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट बनाया जाएगा। इसके तहत अगर आप एक से ज्यादा को एक साथ करना चाहते हैं तो आप कर पाएंगे और जिस कोर्स को आप जहां तक कंप्लीट करेंगे, उसके अंक के सिगरेट बैंक में जमा हो जाएंगे और फिर जब आप फाइनल डिग्री के लिए कोई फोर्स करेंगे तो उस क्रेडिट को इसमें जोड़ दिया जाएगा। यह पूरी व्यवस्था पूरी तरह से डिजिटल होगी। ऑनलाइन होगी मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और उनकी टीम ने इस नई शिक्षा नीति पर आज क्या कहा, यह भी आज आपको सुन लेना चाहिए कि दुनिया में शायद इससे बड़ा परामर्श विचार विमर्श।
पेपर कौन से विशेषज्ञों से शिक्षाविदों से राजनीतिज्ञों से जनप्रतिनिधियों से और यहां तक कि 125000।
विचार विमर्श किया गया हो। यह बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि 34 साल से शिक्षा नीति में परिवर्तन नहीं हुआ था और इसलिए आज का यह जो परिवर्तन है और जो नई शिक्षा नीति है, मुझे विश्वास है कि पूरा समाज। और सभी देशवासी! इसका स्वागत करेंगे और दुनिया के शिक्षाविद भी। स्कोर! सहाना करेंगे। आज की व्यवस्था में यदि 4 साल इंजीनियरिंग पढ़ने के बाद याद 6 सेमेस्टर पढ़ने के बाद किसी कारणवश मैं आगे नहीं पढ़ सकता हूं तो मेरे पास कोई उपाय नहीं है। मैं आउट ऑफ द सिस्टम हो जाता हूं। मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट सिस्टम में रहेगा कि 1 साल के बाद सर्टिफिकेट 2 साल के बाद डिप्लोमा 3 या 4 साल के बाद डिग्री और मल्टीपल एंट्री एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट जो नीचे बुलेट है कि मैंने जो क्रेडिट फर्स्ट ईयर के हैं सेकंड ईयर जैसे बैंक के सेविंग अकाउंट होते हैं वैसे ही। एकेडमी क्रेडिट में डिजी लॉकर के माध्यम से हमारे वहां पर क्रेडिट रहेंगे। 16 हिंदी थर्ड ईयर एफ आई वांट टू टेक केयर मेडिकल आई वांट टू टेक ए ब्रेक फॉर फॉर एनी रीजन फैमिली कंडीशन और अदर वाइज फॉर समटाइम। एंड आई रिटर्न आफ्टर spd-sx पीरियड ऑफ विच विल बे प्रिपेयर्ड बाय थे। न्यू हायर एजुकेशन कमिशन आफ आईटी कंप्यूटर एजुकेशन सिस्टम आईएस टो रिपीट थे। फर्स्ट एंड सेकंड ईयर क्रेडिट कार्ड ऑलरेडी डेड हिंदी अकैडमी, क्रेडिट बैंक, आईएस यूटिलाइज्ड क्रेडिट फॉर माय फादर एजुकेशन आप सब जानते हैं कि अभी टेन प्लस टू स्ट्रक्चर है जिसमें जो पहले बस 10 वर्ष में उनका एक तरह से सेवा इस कार्यक्रम होता है। फिर से जल्दी जवाब सेकेंडरी में जाते हैं। प्लस टू में जाते हैं तो सब्जेक्ट जो है, स्पेशलाइजेशन होने लगती है। यहां पर जो हिंदू सिस्टम लेकर क्या है वह 15 वर्ष का जो आप देख रहे हैं 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस और उसमें तीन वर्षो पूर्व प्राथमिक है। उसी तरह जो क्लास फोर लिखा है, वह 9th टो 12th है। इसमें भी जैसा कि सर कह रहे थे जैसा हायर एजुकेशन में है, कोई ट्रेन नहीं है।
मल्टीडिसीप्लिनरी होगा। अगर बच्चा फिजिक्स के साथ जैसा करने का कारण शरीर में ना चाहे बेकरी कन्फेक्शनरी कुछ पढ़ना चाहे केमिस्ट्री के साथ इटली परमिटेड।
एक बात यह भी है कि आप स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में संस्कृत भाषा को भी बढ़ावा दिया जाएगा। संस्कृत विश्वविद्यालय में अलग-अलग विषयों की पढ़ाई संस्कृत में कराई जाएगी और कॉलेज में भी संस्कृत की पढ़ाई पर जोर दिया जाएगा। आईआईटी की शिक्षा व्यवस्था को भी पहले से ज्यादा समग्र बनाया जाएगा और अभी इन उच्च शिक्षा संस्थानों में 8 फौजी मराठी विषय पढ़ाए जाएंगे। इससे 8 विज्ञान की जानकारियों का इस्तेमाल दूसरे क्षेत्रों में अपनी स्किल्स को बेहतर करने के लिए कर पाएंगे। मुलाकात होगी कि छात्र व्यवहारिक ज्ञान हासिल करके देश के लिए बड़े-बड़े आविष्कार कर पाएंगे। संगीत कला और साहित्य को देश के हर कॉलेज में पढ़ाया जाएगा और अब उन पेरेंट्स को और छात्रों के लिए भी एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो स्कूल और कॉलेज की फीस को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। इसके तहत नए नियम निर्धारित किए जाएंगे। स्कूल और कॉलेज। इतने ज्यादा पैसा आप से नहीं ले पाएंगे। अब आप यह सोच रहे होंगे कि नहीं शिक्षा व्यवस्था यह नई नीति लागू कब से होगी। आपको बता दे किसके लिए जो बिल तैयार किया गया है, उसका नाम है। नेशनल हायर एजुकेशन बिल इस दिन को फ़िलहाल कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है और अब इसे संसद में पेश किया जाएगा और इसके बाद यह कानून की शक्ल ले लेगा और राज्य सरकारों को भी इस पर कानून बनाकर अपने-अपने राज्यों में इसे लागू करना होगा। किसी शिक्षा नीति की घोषणा के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम लिया जाएगा और आप किसका नाम हो जाएगा। शिक्षा मंत्रालय जो कि बहुत सरल है और यह कर देना चाहिए था। आने को तैयार करने के लिए किसी के बाद इस नई शिक्षा नीति की घोषणा की गई है। यह शिक्षा नीति वर्ष।
और 2022 के एकेडमिक सेशन तक लागू हो जाएगी। यानी आपका जो अगला एकेडमिक सेशन होगा जो 2021 में शुरू होगा। वह इस नई शिक्षा नीति के साथ नए नियम लागू होगा। आज शाम को ही हुई है इसलिए हमारी टीम अब भी इसका विश्लेषण कर रही है क्योंकि ए पूरी शिक्षा नीति है। इसे पढ़ने में अभी और वक्त की बहुत सारी कोई चीज है। हमारे मन में भी सारे सवाल हैं, इसलिए हमारी टीम है। हमारे रिपोर्टर्स की टीम हमारा न्यूज़ रूम और हमारे जोर इस रिसर्च करने वाली दो टीमें लगातार पड़ रही है। इसका विश्लेषण कर रही है। बहुत सारी बातें ऐसी हैं जिनमें हम भी सरकार से और सवाल करना चाहते हैं। इसलिए हम धीरे-धीरे इसका विश्लेषण करते रहेंगे। अलग-अलग पार्ट में अलग-अलग है जिसमें और वह विश्लेषण हम आप तक पहुंचाते रहेंगे और हो सकता है कि अभी इसकी कई बातों पर सरकार की तरफ से आगे आने वाले समय में और भी स्पष्टीकरण आएं और जैसे ही कोई नई बात।
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